महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए अवसर प्रदान करना जरूरी है- स्कूल शिक्षा मंत्री

महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए अवसर प्रदान करना जरूरी है- स्कूल शिक्षा मंत्री
स्कूल शिक्षा मंत्री ने छात्राओं को वितरित किए ड्राईविंग लायसेंस


रायसेन, 19 नवम्बर 2019
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी जिला मुख्यालय स्थित शासकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित ड्राईविंग लायसेंस वितरण शिविर में शामिल हुए तथा छात्राओं को निःशुल्क ड्राईविंग लायसेंस वितरित किए। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए अवसर प्रदान करने के साथ ही उन्हें प्रोत्साहित करना भी जरूरी है और प्रदेश सरकार इस दिशा में काम कर रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने शासकीय कन्या महाविद्यालय में फर्नीचर के लिए एक लाख रूपए देने की घोषणा भी की।  
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ चौधरी ने कहा कि भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी के जन्मदिवस पर मध्यप्रदेश सरकार अपने वचन को निभाते हुए छात्राओं को निःशुल्क ड्राईविंग लायसेंस वितरित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी को पूरी दुनिया में आयरन लेडी के रूप में जाना जाता है। जब भी बेटियों की तरक्की की बात आती है तो श्रीमती इंदिरा गांधी को याद किया जाता है। आज महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है और कई क्षेत्रों में पुरूषों से आगे निकल गई है। शिक्षा के क्षेत्र में भी कई जगह छात्राएं, छात्रों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। स्कूलों में अध्ययनरत् एनसीसी की छात्राएं जो पुलिस में जाना चाहती हैं, उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही महिलाओं को रोजगार तथा व्यवसाय के क्षेत्र में भी बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार प्राथमिकता के साथ काम कर रही है।  
  स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ चौधरी ने कहा कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं जिनका तेजी से क्रियान्वयन किया जा रहा है। अभिभावकों को स्कूलों से जोड़ने के लिए प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग आयोजित की गई हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। हम बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षकों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली स्टेम पद्धति पर आधारित थी। अब हम उसे स्टीम प्रणाली के रूप में लागू करने पर विचार किया जा रहा है। स्टेम पद्धति में साईंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग तथा मेथ्स् विषय शामिल थे। स्टीम पद्धति में इन सभी विषयों के साथ-साथ आर्ट्स को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया, फिनलेंड, सिंगापुर सहित अन्य देशों की शिक्षा प्रणाली स्टीम पद्धति पर ही आधारित है। 
उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए पलायन करने वाले परिवारों के बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो और उन परिवारों को गांव में ही रोजगार मिल जाए, इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना प्रारंभ की थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ प्रदेश के सभी वर्गो के कल्याण के लिए काम रह रहे हैं। प्रदेश सरकार ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत किसानों का दो लाख रूपए तक का फसल ऋण माफ किया है। प्रदेश के 22 लाख से अधिक किसानों का फसल ऋण माफ किया जा चुका है तथा शेष पात्र किसानों का भी फसल ऋण शीघ्र माफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कन्यादान विवाह योजना की राशि बढ़ाकर 51 हजार कर दी है। पहले गरीब माता-पिता को अपनी पुत्री की शादी करने के लिए ऋण लेना पड़ता था, लेकिन विवाह योजना की राशि 51 हजार रूपए होने से गरीब माता-पिता की चिंता दूर हुई है। इसी प्रकार शहरों में युवाओं को रोजगार देने के लिए उनका कौशल उन्नयन किया जा रहा है। वृद्धावस्था पेंशन योजना की राशि 300 रूपए से बढ़ाकर 600 रूपए प्रतिमाह कर दी गई है।